मैं क्षमाप्रार्थी हूँ आपलोगों का कि मैंने ब्लॉग-लेखन आरंभ कर दिया परन्तु बीच में ही विराम लग गया। बात ही ऐसी हुई कि मैं पहले थोङा व्यथित, और बाद में व्यस्त हो गया था।
एम. सी. ए. के दौरान, कैम्पस से मेरा चयन तो गूगल के लिए हुआ था, पर गूगल से मुझे कहा गया कि हमलोग आपको आपके अन्तिम परीक्षा के बाद ज्वायन करने के लिए बुलाएँगे। मुझे बुलाया तो गया, पर उन्होंने दुबारा मुझसे जाँच-परीक्षा व साक्षात्कार के कुल मिलाकर 6 राउंड्स लिए। और अंततः मेरा चयन न हुआ। उसका मुझे दुःख तो हुआ, मगर मैंने फिर घर से कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम करना आरंभ कर दिया। अकेले ही कई वेबसाईटों एवं वेब आधारित तंत्रों का विकास किया। http://www.krrishholidays.com/ व इसका आंतरिक प्रबंधन तंत्र उनमें से एक है, जो काफी वृहद एवं मेरा पसंदीदा है।
इसी दौरान मुझे दुर्ग अभियन्ता (Garrison Engineers), गोलकोण्डा, हैदराबाद, भारतीय थल सेना की तरफ से परियोजना प्रबंधक (Project Manager) की नौकरी (निबन्धन के अन्तर्गत) का प्रस्ताव मिला। मैंने तत्काल काम करना शुरू कर दिया। यहाँ मुझे चौथे विश्व सैनिक खेलों - 2007 के लिए 'गेम विलेज' विकसित करने की परियोजना का प्रबंधन करना था। काम को मैंने बख़ूबी अंजाम दिया और निर्धारित समय-सारणी से काफी पीछे चल रहे कार्य को नियत समय के समतुल्य लाने में अपनी भूमिका निभायी।
कुछ समय बाद ebates.com से मुझे technical producer की नौकरी के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुआ। और मई 23 २००७ से मैंने वहाँ अपनी सेवा देनी शुरू की........
अब समय निकाल कर मैं चिट्ठा लिखना जारी रखूँगा।